गरीब लाचार अबला को क्या लाया
सोता हैं पथपट पे सड़क किनारे
सर्दी में आसमाँ की चादर पसारें
जमीं का बिस्तर लिएँ ही सो पाया
नया साल आया, नया साल आया
होटल में काम करनेवाला बाल
मजदूर बनाया, हाल हैं बेहाल
उसके लिए ज्यादा काम लाया
नया साल आया, नया साल आया
किसान खेत में जो फसल उगाया
उसने भी उसे खूब मज़ा चखाया
बाप की लाश देखकर बेटा रोया
नया साल आया, नया साल आया
बेटी अब घूमती रक्षा का लेकर नारा
कौन देगा अब उसे रक्षा का सहारा
दहेज़ में बहु को फिर जिन्दा जलाया
नया साल आया, नया साल आया
अब भी सूरज उगता हैं पूरब से
चाँद भी तो उगता हैं पूरब से
रात के बाद फिरसे वहीँ दिन आया
नया साल आया, नया साल आया
गरीब लाचार अबला को छोड़कर
उन्हें अपने ही हाल पे छोड़कर
वहीँ पुराना बधाई सन्देश लाया
नया साल आया, नया साल आया
हकीकत बयान की है हर छंद में ...
ReplyDeleteआपको और परिवार में सभी को नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ...