Tuesday, November 3, 2009

WORK IN PROGRESS...... टेढी खीर



हमारे मोहल्ले में  PWD  ने सभी सड़को की मरम्मत करने की ठान ली थी. उसी प्रकार काम तेजी से चलता गया और कुछ ही दिन में  हमारी सड़क अच्छी और चिकनी  दिखने लगी. नज़र उतारनेका मन कर रहा था लेकिन क्या करता मैं मेरे काम में  इतना व्यस्त था की पूछो मत.(खुद का WORK IN PROGRESS)
        आखिर में जिस बात का डर था वही हो गया. नज़र तो  लग ही गई ओ भी  "वाटर सप्लाई" विभाग की, और उन्होंने "WORK IN PROGRESS "  का बोर्ड लगा कर सड़क खोदने  का काम "तमाम" कर दिया. कुछ दिन और बीत गए, हमने  फिर से सड़क मरम्मत करवाई. उसके बाद टेलीफोन डिपार्टमेन्ट ने  एक और बोर्ड लग दिया," WORK IN PROGRESS" सड़क की खुदाई का काम शरू  कर दिया.और सड़क की हालत  जैसी की तैसी. जैसा  की हमारे नेता लोग आते(चुनाव के पहले )और हमें एक जीने का नया अहसास देते ठीक  उसी  तरह सड़क ने हमें कुछ दिन अहसास जरुर दिया था.
एक दिन मेरा दोस्त मेरे घर आया और उसने मुझे पूछा.
"यार जब मैं पिछली  बार आया था तो सड़क  ठीक ठाक थी, और अब ये गड्ढे "
"शायद तू हमारे सरकार को जानता नहीं,यहाँ जनतां अंधी हैं और सरकार लंगडी"
" जनता सब कुछ देख कर भी अंधी होती हैं, और सरकार तेज चल नहीं सकती क्यूँ की वहां का  हर विभाग अपने  अपने तरीके से काम करते हैं"
"चुनाव प्रचार के वक़्त तो बहुत ही तेज चलते हैं,तेज बोलते हैं "
"क्यूँ की तब ओ सरकार का हिस्सा नहीं होते, जब सरकार में आते खुद पे बोर्ड लगाकर फिरते हैं 'WORK IN PROGRESS' फिर लोगों को यह भी समझ  में नहीं आता की किसका काम PROGRESS में हैं" 
"जैसे की टेढी खीर "

       अब मैं "टेढी खीर" के बारेमें आपको बताना चाहता हूँ यह एक "लोककथा"हैं.
एक गाँव में दो दोस्त रहते थे. एक जन्मसे अंधा था और दूसरा लंगडा,  दोन्हो  भिख  मांग कर अपना गुजारा  करते थे . एक दिन लंगडे दोस्त ने गाँव में जाकर खीर ले आया. और अपने अंधे दोस्त से कहा.
"देख यार मै तेरे लिए क्या लाया हूँ"
"क्या लाया"
"सफ़ेद खीर"
'"सफ़ेद खीर यानी "
"ओ जो सफ़ेद गाय जा रही हैं बिल्कुक उसी तरह" अंधे के समझ में कुछ भी नहीं आया .
"सफ़ेद क्या होता हैं"
"दूध के जैसा"
"दूध कैसा  होता है"
"ओ जो बगला(CRANE)  होता हैं ना  बिलकुल सफ़ेद"   फिर भी उसे कुछ भी समझ में नहीं आया,फिर लंगडे दोस्त ने बहुत ही मेहनत करके एक बगला पकड के अंधे के हात में थमा दिया. जैसे  ही अंधे ने उसपर हाथ फिराकर बोला "टेढी खीर"
अंधी जनता  और लंगडी सरकार-----टेढी खीर,  यही  हमारी  कहानी हैं "WORK IN PROGRESS"