उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
जीते हैं सिर्फ करमुक्त एक एक साँस लियें
हम भी आज़ाद हैं यही दुनिया को बतातें हैं
आजादी की तड़प लियें, दिल को सतातें हैं
महंगाई की गुलामी में जी रहें हैं लोग यहाँ,
भ्रष्टाचार मुक्त जीवन का एक रास लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
कहते थे बुरे कामों का बुराही फल होता हैं
लेकिन यहाँ तो बुरा नेताही सफल होता हैं
आज़ादी किसे मिली पता ही नहीं होता,
आम लोग जीते,जीने की जिंदा लाश लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
क्या इसी आजादी को हम लोकतंत्र कहतें हैं
जहां नेता इसेही खाने का एक मंत्र कहते हैं
भ्रष्टाचार से आज़ादी की लड़ाई अभी बाकि हैं
भ्रष्टाचार से आज़ादी की लड़ाई अभी बाकि हैं
जीते हैं नयी आज़ादी की एक आस लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
अब हमें अमर देशभक्तों के नाम याद रहें
चल बसें वो देकर जान, वो काम याद रहें
आजाद, भगत सिंग,राजगुरु, सुखदेव सारें,
मर मिटे थे, आज़ादी का एक ताश लियें
उत्सव मनातें हैं आजादी का अहसास लियें
अमर होकर छोड़ गएँ वो हम सबका साथ
देश की चाबी देकर इन भ्रष्ट नेतावों के "हाथ"
चलो, अब हमें भी करना हैं एक नेक काम,
अब नयें अहसास की, एक नयी तलाश लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें
अब हमें अमर देशभक्तों के नाम याद रहें
चल बसें वो देकर जान, वो काम याद रहें
आजाद, भगत सिंग,राजगुरु, सुखदेव सारें,
मर मिटे थे, आज़ादी का एक ताश लियें
उत्सव मनातें हैं आजादी का अहसास लियें
अमर होकर छोड़ गएँ वो हम सबका साथ
देश की चाबी देकर इन भ्रष्ट नेतावों के "हाथ"
चलो, अब हमें भी करना हैं एक नेक काम,
अब नयें अहसास की, एक नयी तलाश लियें
उत्सव मनातें हैं आज़ादी का अहसास लियें