जिंदगी जी रहा हूँ, लेकर एक यादों का संसार
पता नहीं कब थमेगी यह जिंदगी की रफ्तार
आज भी याद आते हैं
वो बचपन के दिन
मैं पल भर भी नहीं
रहता था तुम बिन
तुम्हरा वो हँसना , बात
बात पर रोना
शाम में स्कूल
से निकलकर जुदा होना
एक ही बक्से में का
खाना साथ में खाना
बोतल का पानी पिने
के बाद छिडकाना
खेल खेल में दिन
पर दिन बीत गएँ
यादों के साथ हम
समयसे जीत गएँ
फिर घूम फिरकर एक
वक्त ऐसा आया
तकदीर भी
मुझे उसी कॉलेज में ले आया
लेकिन तुमने कला में दाखिला लिया
मैं विज्ञान में तुब बिन किस तरह जिया
मैं चाहता रहा, ब्लेक बोर्ड में
देखता रहा
पढ़ना था, लेकीन प्यार ही
सीखता रहा
अब जिन्दगी की नयी किताब
खुल गयी
मैं याद करता रहा, तुम मुझे भूल गयी
जब मेरे दोस्त ने, साथी के शादी में बुलाया
वहाँ तुम्हे किसी और
की होते हुए दिखाया
आज भी याद हैं, तुम्हारा पति जो
होने वाला
शायद उसके
बाप का निकला था दिवाला
दहेज़ की मांग से पूरा
लग्न पंड़प दहला था
लग्न मंडप से बिन
ब्याहे, बेटे
को ले चला था
उस वक्त मैंने तुम्हारे
पिता से बात किया
और तुम्हे जीवनसाथी
बनाने में साथ दिया
अब हमें ना किसी का डर, ख़ुशी से जी रहे थे
प्यार ही प्यार में, जीवन का जहर पी रहे
थे
पता नहीं था कुछ दिन
इस तरह बीत गएँ
बेटे से प्यार में, लगता था जीवन जीत
गएँ
वक्त युहीं गुजरता
गया, बेटा
भी बड़ा हो गया
देखते
देखते वह अपने पैरों पे खड़ा हो गया
कुछ और दिन बीत गएँ, बेटा हमें छोड़ चला
विदेशी जीवन के लियें, हमारा दिल तोड़ चला
अब कभी फोन तो कभी
चाट करता था
वो भी किसी पे दिल
लगाकर मरता था
एक दिन जब उसने
फोनसे समाचार सुनाया
जब वह
एक विदेशी लड़की से ब्याह रचाया
वक्त ने अब अपनी
रफ्तार की थी तेज
वक्त हमें फ़साने
में बन चुका था तरबेज
याद हैं, तुम्हारी बेटे को देखने की
चाहत
नसीब में नहीं था, ना मिली इसकी राहत
मैं बहुत ही रोया था, जब तुम मुझे विदा
हुयी
अब तुम कब्र में सो
गयी, मुझसे
जुदा हुयी
इसी कब्र पर, मैं दिन रात तुम्हे
याद करता हूँ
तुम्हे मिलने के
लियें, जालिम वक्त
से डरता हूँ
मैं भी आनेवाला हूँ, मेरा इंतजार कर लेना
यादों में जीकर, मुझे भी कब्र में भर
लेना
वक्त की करवट ने रोक दी जीने की रफ़्तार
सोया कब्र में, अब नही किसीका इन्तजार