एक बार दिन बोला,
रात तू कितनी काली हैं
चाँद के साथ रहती,
जैसा की चाँद की साली हैं
चाँद भी कभी आंख तो कभी
हल्किसी रौशनी मारता हैं
कभी पूरी आंख खोलता हैं
तो कभी बंद करता हैं
रात बोली तेरे पास हैं
उजाला ही उजाला
जलता हुआ सूरज
लगता हैं तेराही साला
लेकिन तेरे पास हैं
सिर्फ काम ही काम
मेरे पास हैं चैन की
नींद और आराम
दिन बोला तेरे पास आंख
वाला भी होता हैं अंधा,
तेरे साये तले टिकी हैं चोरी,
और चलता हैं काला धंदा
रात बोली मेरे पास हैं
चाँद और चमकते सितारें
घर घर और गली में
चमकते हैं दीपक सारे
मेरे पास जीने की
और पीने की प्यास हैं
मौज मस्ती और
मिलन का अहसास हैं
समय सुन रहा था
यह बहस दूर खडा होकर
बोल उठा दिन और
रात के पास आकर
तुम दोनोंही एक काम करना
दोनों ही साथ साथ आना
ना रात के बाद दिन, बल्की
हाथोमें में हाथ लिए आना
दिन और रात को आयीं
समझ समय की यह बात
की दिन और रात कभी
नही आएंगे साथ साथ
एक के बाद एक आना
यही है तुम्हारा काम
दिन के बाद रात हो
यही हैं जीवन तेरा नाम
रात तू कितनी काली हैं
चाँद के साथ रहती,
जैसा की चाँद की साली हैं
चाँद भी कभी आंख तो कभी
हल्किसी रौशनी मारता हैं
कभी पूरी आंख खोलता हैं
तो कभी बंद करता हैं
रात बोली तेरे पास हैं
उजाला ही उजाला
जलता हुआ सूरज
लगता हैं तेराही साला
लेकिन तेरे पास हैं
सिर्फ काम ही काम
मेरे पास हैं चैन की
नींद और आराम
दिन बोला तेरे पास आंख
वाला भी होता हैं अंधा,
तेरे साये तले टिकी हैं चोरी,
और चलता हैं काला धंदा
रात बोली मेरे पास हैं
चाँद और चमकते सितारें
घर घर और गली में
चमकते हैं दीपक सारे
मेरे पास जीने की
और पीने की प्यास हैं
मौज मस्ती और
मिलन का अहसास हैं
समय सुन रहा था
यह बहस दूर खडा होकर
बोल उठा दिन और
रात के पास आकर
तुम दोनोंही एक काम करना
दोनों ही साथ साथ आना
ना रात के बाद दिन, बल्की
हाथोमें में हाथ लिए आना
दिन और रात को आयीं
समझ समय की यह बात
की दिन और रात कभी
नही आएंगे साथ साथ
एक के बाद एक आना
यही है तुम्हारा काम
दिन के बाद रात हो
यही हैं जीवन तेरा नाम