कहानी कुछ नयी और कुछ पुरानी हैं। एक बार एक जंगल में 'ख़रगोश'और 'कछुए' के बिच दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा था। जंगल' में उत्साह का माहौल था। इस बार की दौड़ में ख़रगोश से बहुत ही आशा थी, क्यूँ की वह पिछले मुकाबले में 176 कीमी की दौड़, 176 मिनिट में पूरा करके अव्वल स्थान पर काबिज़ था। इस लियें उसका का नंबर 176 था। 186 नबर की काली जर्सी के साथ कछुए का कुछ अलग ही अंदाज़ था। जगह जगह बैनर से पूरा जंगल सजाया गया और मीडिया के जानवर भी मौजूद थे। यह मुकाबला एक बड़े मैदान से शुरू होकर टेढ़े -मेढ़े रास्ते से होकर एक बड़े पहाड़पे खत्म होना था। इमानदार जज जीत का सही निर्णय करने के लिय तत्पर थे, जो की इस स्पर्धा की निगरानी सही ढंग से कर सकें। उधर ख़रगोश टीम के सभी साथी उत्साहित थे। उन्हें पता था की यह दौड़ प्रतियोगिता इस बार भी ख़रगोश ही जितेगा।
स्पर्धा के ठीक पहलें उधर जंगली टीवी के रिपोर्टर बन्दर ने ख़रगोश से बात करने लगा, "चलो अब हमारे साथ हैं, ख़रगोश जो की इस स्पर्धा के गतविजेता रहें है, चलो हम अब उन्ही से बात करते हैं।
"आप ने इस स्पर्धा में जो एक नया रिकॉर्ड बनया था, क्या इस साल भी आप अव्वल आएंगे ?" रिपोर्टर बन्दर ने पूछा।
"देखो मेरी बराबरी उस कछुए से कभी भी मत करो! यह स्पर्धा मैं ही जीतने वाला हूँ।" ख़रगोश ने जवाब दिया।
"अगर आप यह सपर्धा जीत जातें हैं तो इसका श्रेय किसे देंगे?" रिपोर्टर ने पूछा।
"मैं आज जो भी हूँ, इन जानवरों की वजह से हूँ, उन्होंने मुझे प्रेरणा और सहयोग दिया हैं, जो की आगे भी देते रहेंगे" ख़रगोश ने मैदान में बैठे सभी साथियों के तरफ हाथ हिलाते हुए कहा।
जैसा ही ख़रगोश ने हाथ हिलाकर प्रेक्षकों के तरफ देखा, प्रेक्षकगन जोर शोर से उसका स्वागत किया।
"अगर आप इसका श्रेय किसी एक को देना चाहते तो किसे देंगे" रिपोर्टर ने पूछा।
"मैं यह श्रेय कौवे को दूंगा जो की मेरे बॉस और गुरु हैं।" ख़रगोश ने कहा।
"एक आखरी सवाल जीतने के बाद जो राशी मिलेगी उसका क्या करोगे?" रिपोर्टर ने पूछा।
"सब साथी मिल बाँट कर खाएँगे, जैसा की हमने पिछले बार किया था, इसमें सबका योगदान हैं।" ख़रगोश ने कहा।
रिपोर्टर ने माइक हाथ में लेकर कहने लगा, "ये हैं हमारे ख़रगोश जो की पिछले मुकाबले के विजेता रहे हैं। अब हमें यह देखना होगा क्या इस बार भी वही चैम्पियन होंगे या नहीं? उनके उत्साह और जोश को देखे तो ऐसा लगता हैं की, इस बार भी वो आसानी से जीत जायेंगे। कैमराबर्ड उल्लू के साथ मैं रिपोर्टर बन्दर जंगली टीवी से, लाइव। ब्रेक के बाद हम कछुए से बात करेंगे, और जान लेंगे की वो इस स्पर्धा के बारें में क्या कहतें हैं।"
"चलो अब हम ब्रेक के बाद मिलते हैं, दुसरे प्रतिस्पर्धी कछुएजी से।" रिपोर्टर बन्दर ने कहा।
"क्या आप यह प्रतयोगिता जीत जायेंगें?"
लेकीन कछुए ने कुछ भी जवाब नहीं दिया, इशारें में ही अपनी बॉस लोमड़ी के तरफ इशारा किया।
उतने में रिपोर्टर बन्दर ने लोमड़ी के तरफ माइक करते हुये पूछा, "क्या आपको लगता हैं की यह स्पर्धा कछुएजी जीत जायेंगे?"
" देखो हमने इस स्पर्धा के लियें बहुत ही हार्ड वर्क किया हैं, इस लियें मुझे लगता हैं की मेहनत का फल जरुर मिलेगा।" लोमड़ी ने कहा।"
"अगर मेहनत का फल मिलता हैं तो, उस फल का क्या करेंगे?" रिपोर्टर ने पूछा।
"क्या बात करते हो? इसका कुछ हिस्सा हम ख़रगोश के टीम को भी दे देंगे, जब उनकी जीत का फल वो हमसे मिल बांटकर खाते हैं, तो हम क्यूँ नहीं?"लोमड़ी ने कहा।
"और एक बात, आपने यह कछुआ जी का स्पर्धा क्रमांक 186 देने की वजह क्या हैं।" रिपोर्टर ने पूछा।
"इसके लियें आपको स्पर्धा के अंत तक इन्तजार करना पडेगा।" लोमड़ी ने हँसते हुए कहा।
"हमारें दुसरे प्रतिस्पर्धी, कछुएजी की चेहरें पर कोई हाव-भाव नहीं है। लोमड़ी जी ने कहा की मेहनत का फल जरुर मिलेगा। चलों कुछ ही देरमें स्पर्धा शुरू होने वाली ही हैं। कैमराबर्ड उल्लू के साथ बन्दर।
कुत्ते के भौंकने के साथ साथ यह स्पर्धा आरंभ होती हैं। खरगोश घमंड के साथ दौड़ने लगता हैं। 176 कीमी दौड़ने के बाद पीछे मुड़कर देखता हैं तो, दूर दूर तक कछुआ दिखाई नहीं देता। हरी घाँस पर लेटे लेटे ही सो जाता हैं। लेकिन कछुआ धीरे धीरे चलकर 186 कीमी के मार्क पर पहुँच जाता हैं। जब खरगोश जाग जाता, तब तक कछुआ स्पर्धा जीत चुका था।
कछुए ने एक नया इतिहास रच दिया हैं। सभी साथी जश्न मना रहे थे, इस बड़ी जीत का। जंगली टीवी के रिपोर्टर ने जब कछुए की जीत के बारें में पूछा तो जवाब आया "लाख सवालों से अच्छी हैं करोड़ों रुपयों की ख़ामोशी।"
चलों अब हम इस कहानी के अभिप्राय पर नज़र डालते हैं। यह स्पर्धा दो घोटालों के बिच में हैं, जो की 2जी और कोयला। यहाँ ख़रगोश ने 2जी वालें का अभिनय किया हैं। ठीक इसी तरह कोयले वालें का रोल कछुए ने निभाया हैं, जो की धीरे धीरे चल कर सबसे आगे पहुँच जाता हैं। जंगल का मतलब देश, और मैदान जो एक संसद, जहाँ से इस स्पर्धा की शुरुवात होती हैं। जजोंका रोल कैग ने निभाया, 176 नंबर का मतलब हैं 1.76 लाख करोड़ रूपये, ठीक इसी तरह 186 का मतलब हैं 1.86 लाख करोड़ रूपये। हरी घाँस का मतलब नोटों की हरी गड्डियां। अब हमें यह बताने की जरुरात नही होगी की, यहाँ कौवा और लोमड़ी का रोल क्या हैं।
अगर यह स्पर्धा देश के विकास के लियें होती तो कितना अच्छा होता। आज हम भी कछुए की जीत का जश्न मना रहे होते,
(photos from google)
excellent!!!!!!!!!!!!!!! I admire you a lot. perfect story with perfect knowledge with perfect actors.
ReplyDeleteकछुए ने एक नया इतिहास रच दिया हैं। सभी साथी जश्न मना रहे थे, इस बड़ी जीत का। जंगली टीवी के रिपोर्टर ने जब कछुए की जीत के बारें में पूछा तो जवाब आया "लाख सवालों से अच्छी हैं करोड़ों रुपयों की ख़ामोशी।" NICE
ReplyDeleteकहानी का नया अवतार ज़बरदस्त ...
ReplyDeleteकहानी का नया अवतार ज़बरदस्त .बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
ReplyDeleteऔर बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
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