मिला क्या ओ सिर्फ इंसान का ही था ?
हिन्दू मान्यताओके आधार से पिछला जनम निश्चित हैं, लेकिन यह निश्चित नहीं हैं की हर जनम में ओ इंसान ही रहेगा. एक एक योनी में एक करोर से भी ज्यादा बार जन्म लेने के बाद ही मानव जन्म मिलता हैं.लेकिन एहां तो मानव जन्मोकी लाइन ही लगी हैं.
एक बार भगवन श्रीकृष्ण और अर्जुन हस्तिनापुर में से गुजर रहे थे. तभी उनकी नज़र एक मछुआरे पर पड़ती हैं. जिसके पास मछ्लियोंकी टोकरी थी उसमे बहुत सारी मछलिया थी. मछुआरा का पूरा अंग सोने के गहोनोंसे भरा था. उसे देखतेही अर्जुन ने वासुदेव से पूछा.
"भगवन यह कैसा न्याय! जो दिन में इतनी सारी मछलियों को मारता हैं, फिर भी ओ उतना आमिर?
"अर्जुन वह इसके पिछले जन्म का फल है जो इसे इस जन्म में मिल रहा हैं"
दोनोही आगे चलते रहे और थोड़ीही दूर में एक और दृश देखा की एक हाथी जिसके अंग पर लाखों चींटिया थे. जो हाथी के चर्म पर सूक्षम प्रहार कर रहे थे. मजबूर हाथी कुछ भी नहीं कर सकता था. जैसा की जब हम छोटे से तिनके को कम समझ कर पैरो तले कुचल देते हैं लिकिन वही तिनका जब हमारे आंख में घुस जाता हैं. तब हमें
तिनके ताकत मालूम पड़ती हैं.
तिनका कबहुँ ना निंदये, जो पाँव तले होय ।
कबहुँ उड़ आँखो पड़े, पीर घानेरी होय ॥
ठीक इसी तरह चींटिया भी तिनके सामान इतने छोटे होकर भी बड़े से बड़े हाथी को दर्द दे रहे थे लेकिन उतना विशाल हाथी कुछ भी नहीं कर पा रहा था. यह दृश देख कर अर्जुन ने भगवानसे पूछा.
"क्या इस हाथी के साथ न्याय हो रहा हैं"
"अर्जुन तुम जिस हाथी को देख रहे हो, ओ पिछले जन्म में मछुआरा था.और उसके अंग पर जो अनगिनत चींटिया देख रहे हैं ओ सब पिछले जन्म में मछलियाँ थी, और इस जन्म ओ उसका बदला ले रहे हैं "
अब हमारे मन यह सवाल आता हैं. क्या जानवर का जन्म याद नहीं आता? क्या जो कुछ दिखाया जा रहा हैं ओ सही हैं ? क्या जब पिछ्ला जन्म याद आता हैं, सिर्फ इंसान का ही क्यूँ ?जानवर का क्यूँ नहीं ? बहुत सारे सवाल . क्या इन सभी सवालों का राज़ मिल पायेगा? आखिर क्या हैं राज़ पिछले जन्म का?
यद्यपि इस कार्यक्रम के बारे में सुना तो बहुत है किन्तु अभी तक मै इसे देख नहीं पाया हूँ किन्तु इतना तो कोई भी समझदार इन्सान कह देगा कि ये सब फालतू में लोगों को मूर्ख बनाने का प्रपंच भर है...जब विज्ञान अभी तक खुले रूप में "आत्मा" जैसे किसी तत्व को ही स्वीकार नहीं पाया है तो वैज्ञानिक विधियों(भौतिक संसाधनों) के जरिए "पुनर्जन्म" की यात्रा तो हास्यास्पद ही कही जा सकती है.......
ReplyDeleteअब रही बात 84 लाख योनियों की तो उसके लिए मैं आपको बताना चाहूँगा कि हमारे शास्त्रों में अधिकतर बाते कथा कहानियो इत्यादि के माध्यम से प्रतीकात्मक रूप में कही गई हैं....लेकिन उनका भावार्थ समझने की अपेक्षा साधारण समाज द्वारा उन्हे जस का तस स्वीकार कर लिया गया....जैसे कि 84 लाख योनियाँ कही गई है। जब कि ऎसा कुछ भी नहीं है....कर्मयोनी में उत्पन होकर उसका पुनर्जन्म भी कर्मयोनी(मनुष्य रूप में) में ही होगा...ये नहीं कि उसका आगामी जन्म किसी पशु-पक्षी,कीट इत्यादि के रूप में हो । पुनर्जन्म होगा तो मनुष्य योनि में ही होगा...हाँ लिंग भिन्न हो सकता है यथा पुरूष से स्त्री अथवा नपुंसक......
रही बात कुत्ता,बिल्ली,पशु-पक्षी इत्यादि विभिन्न 84 लाख योनियों की तो ये समस्त योनियाँ हमारे इसी मानवी शरीर में विद्यमान है....आप इन्हे अपने आसपास विभिन्न मनुष्यों के जीवन को देखकर भलीभान्ती अनुभव भी कर सकते हैं..... यहाँ योनियों से अभिप्राय मनुष्य की प्रवृ्तियों से है । हम में से प्रत्येक मनुष्य की सोचने,आचार-व्यवहार,कर्म की प्रवृ्ति किसी न किसी जीव(पशु-पक्षी/कीट इत्यादि)से मिलती है...पूर्ण मनुष्य बनने तक हमारा इसी प्रकार इसी मनुष्य शरीर में पुनर्जन्म होता रहता है ।
पुनर्जन्म से संबंधित मेरे कुछ लेख शायद आपकी जिज्ञासा का शमन कर सकें:---
1.पुनर्जन्म रहस्य---- वेदांत एवं विज्ञान की दृ्ष्टि से
2.पुनर्जन्म की वैज्ञानिक संभावना
3.विज्ञान भी मानने लगेगा कि सचमुच भूत-प्रेतादि आत्माओं का अस्तित्व हैं
विचारणीय पोस्ट लिखी है।
ReplyDelete.
ReplyDelete.
.
यह कार्यक्रम वैज्ञानिकता के नाम पर एक ड्रामे से बढ़कर कुछ नहीं है।
यहाँ देखिये "असली" राज पिछले जन्म का !!!
in sabke bare me kuch nahi kaha ja sakata aise prshan hamesha se charcha me aur bahas ka mudda bane rahenge haan manoranjan ke lihaaj se program dekhe to thik hai..badhiya prstuti..badhai
ReplyDeleteराज पिचले जन्म का? ये ड्रामा ही या सच ये मी नाही बाता सकता.. पार जहा तक पुनर जन्म कि बात ही, मी इसपर विश्वास रखता हु. बहुत सारी एसी घटनाये होती ही जो हमेअने की इस जीवन मे देखी भी नहि होती फिर भी हमे लागता ही कि हमने इसको कभी देखा ही.. ऐसे बहोत सारी चीजे ही जो पुर्नजन्म होणे का प्रूप्फ देती है..
ReplyDeleteवैसे हमे शब्दो कि दवा बहुत पसंत आई.
आपला
साळसूद पाचोळा .
Raj pichale janam ka yak "UTTAM" bhase karne ka jaria haii- svb
ReplyDeleteek dum judh hai ,bakwas hai serial sab trp ka khel hai bhai
ReplyDeleteHARSHIT GUPTA