समझो अगर ऐसा होता हैं तो क्या होगा ? स्वर्ग और नरक में क्या होगा ?
यमधर्म ने भगवान इन्द्रदेव को एक सन्देश भेजकर तत्काल 'मीटिंग' कराने की सलाह दी. इन्द्र ने मीटिंग को सभी मान्यगन को निमंत्रित कीया.
मीटिंग का एजेंडा कुछ इस तरह था यमधर्म कहने लगे.
"प्रथ्वी से भारी संख्या में जिव आ रहे हैं. सभी जीव भूलोक से स्वर्ग लोक तक कतार में खड़े हैं. चित्रगुप्त ने परलोक के द्वार बंद कर दिए हैं.
हमारी पहली प्राथमिकता यह हैं , की उनके लिए जगह का प्रबंध करना . चित्रगुप्त दिन रात मेहनत करने के बाद हिसाब किताब नहीं कर पा रहे हैं. हमारे पास MANPOWER की बहुत ही कमी हैं. और जो जगह बची है ओ भी प्रयाप्त नहीं हैं. हमें और जगह चाहियें स्वर्ग में तो ज्यादा जगह हैं, क्यूँ की हमें यकीन हैं ९५% लोग नरक में दाखिल होंगे. स्वर्ग की COMPOUND WALL तोड़कर नरक के लिए जगह मुहय्या करनी पड़ेगी".
इन्द्र देव ने कहा
" यमराज क्या यह संभव हैं ? हमारे पास ज्यादा देवगन हैं और हमें खुली हवा चाहिये इससे हमें ज्यादा प्रॉब्लम होगी क्यूंकि स्वर्ग और नरक के बीच में अंतर कम हो जायेगा और नरक की सारी घटनाएं स्वर्ग में सुनाई देगी इससे स्वर्ग और नरक में क्या फर्क रह जायेगा?.किसी भी हालत में स्वर्ग की जगह नरक को नहीं मिलेगी"
.यमधर्म ने कहा.
"ठीक हैं हम सभी लोगों को स्वर्ग में भेज देंगे"
इन्द्रदेव के माथे पर तनाव की लकीरे दिखने लगी, फिर थोडा सोच कर देवराज ने कहा.
"पश्चिम के तरफ जो पहाडी इलाका हैं उसे आप ले सकते हैं"
"ठीक हैं'
"उसमेसे कुछ जगह मैं आपको देता हूँ"
यमराज आसन से उठकर कहने लगे.
"अब हमारी दूसरी समस्या हैं MANPOWER नरक मे सहायक यमों की संख्या बहुत ही कम है. और हमारे चित्रगुप्त को भी बडा ग्रुप चाहिये जो सब कुछ हिसाब किताब रख सके. क्या आप कुछ देवताओं को इस काम के लिए दे सकते हैं ?
"हमारे सभी देवगणों को पहले ही बहुत काम हैं , चाहे तो मैं एक सलाह देता हूँ."
"ठीक है, लेकिन आपकी सलाह उपयुक्त होनी चाहिए"
"आप ऐसा करो जो धरती से जो जीव आते हैं, उन्हीमे से कुछ जीवों को नियुक्त करो,जिनको इन सभी का अभ्यास और अनुभव हो "
"ठीक हैं! चित्रगुप्त आप एक सूची तैयार करो, लेकिन याद रहें की पापी को कोई जगह नहीं मिलनी चाहियें.जब
तक हर एक जीव का पूरा हिसाब नहीं मिलता तब तक कोई फैसला नहीं होना चाहियें"
"लेकिन जो जीव कतार में खड़े हैं उनका क्या?"
"उनके लिए एक तम्बू लगा दो,और सुनो उस पर WAITING HAAL का फलक लगा दो"
सभी इंतजाम हो गया और कुछ दिन के बाद सभी काम सुचारू रूप से चलने लगा.लेकिन एक बडी समस्या खड़ी हो गई.अब स्वर्ग में लोग ज्यादा आने लगे यमराज का हिसाब गलत निकला.अब तो यहाँ बीस से पच्चीस प्रतिशत लोग स्वर्ग में आने लगे. इन्द्रदेव ने यमराज को बुला लिया और दोनों ने मिलकर एक अहम फैसला लिया. नारद मुनि को जाँच के लिए नियुक्त कर दिया.
और कुछ दिन बीत गएँ नारद मुनि रिपोर्ट पेश की,नारदजी ने कहा.
"इस रिपोर्ट के हिसाब से स्वर्ग में जो भी लोग हैं. उन्ही में ज्यादातर भारतीय हैं.मेरा शक और बढ़ गया मैंने एक आदमी की रिपोर्ट देखि मुझे बहुत ही ठीक ठाक लगी मैंने पुरे लोगों की रिपोर्ट देखि उसमे कोई भी खराबी नज़र नहीं आयी. फिर मैंने चित्रगुप्त की मुख्य सलाहकार की रिपोर्ट देखी तो मुझे पता चला की, उसने ही सभी लोगों की रिपोर्ट बदल दी थी. क्यूँ की ओ भारत देश में एक नेता था रिश्वत लेकर सभी लोगों को स्वर्ग भेज दिया था. लेकिन सोचने वाली बात यह थी की उस नेता को यह पद कैसे मिला ? यही था... परलोक में भी भारत का डंका...... "
बहुत शानदार व्यंग्य. मज़ा आया पढ कर. कृपया कमेंट बॉक्स से वर्ड-वेरीफ़िकेशन हटा दें.
ReplyDeleteits a kalyug boss thats why every thing is possible.here is the saying which is applied only in this kalyug is " jhoote ka bolbala, sacche ka mooh kala"
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